बुधवार, 16 सितंबर 2020

धीरे धीरे मचल ऐ दिल-ए-बेक़रार

 धीरे धीरे मचल ऐ

दिल-ए-बेक़रार

धीरे धीरे मचल ऐ

दिल-ए-बेक़रार

कोई आता है

यूँ तड़प के न तड़पा मुझे

बारबार

कोई आता है

धीरे धीरे मचल ऐ

दिल-ए-बेक़रार



यही गीत अब साज में



सादर



1 टिप्पणी:

  1. आह ! यह गीत तो मेरे हृदय के अत्यधिक निकट है । राग खमाज पर आधारित है यह । बहुत-बहुत आभार आपका यशोदा जी इस गीत को यहाँ साझा करने के लिए ।

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