शनिवार, 15 जुलाई 2017

मोहब्बत बरसा देना तू...

सादर नमस्कार..
सावनी गीत में आज
मोहब्बत बरसा देना तू, सावन आया है
तेरे और मेरे मिलने का, मौसम आया है

सबसे छुपा के तुझे सीने से लगाना है
प्यार में तेरे हद से गुज़र जाना है
इतना प्यार किसी पे, पहली बार आया है
मोहब्बत बरसा देना तू...


अब इसी गात को सुनिए गिटार में


सादर

9 टिप्‍पणियां:

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  2. बहुत बहुत बधाई इस रचना के लिए ,आपकी दी हुई लिंक नही खुल रही है,इस कारण से शामिल नही हो सकी ,मेरी रचना को शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद

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  3. आदरणीया मैम,
    सादर नमन।
    10 जुलाई को मेरी कविता " एक शिक्षिका की दृष्टि से" पर अपने प्यार भरे आशीष के लिए आपका बहुत बहुत आभार। आपकी प्रतिक्रिया ने मुझे प्रोत्साहित किया और मेरा मनोबल बढ़ाया।
    आज पहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ। आपका यह गीत बहुत ही सुंदर है। आज मैं ने वक नई रचना अपने ब्लॉग और डाली है: अहिल्या।
    कृपया पढ़ कर अनुग्रहित करें। आपके दो शब्द प्रोत्साहन के लिए मैं अवहारी रहूँगी। लिंक कॉपी नही कर पा रही पर यदि आप मेरे नाम पर क्लिक करें तो वो आपको मेरे प्रोफाइल तक ले जाएगा। वहां मेरे ब्लॉग के नाम पर क्लिक करियेगा। वो आपको मेरे ब्लॉग तक ले जाएगा। आपने मुझे फ़ॉलोवेर गैजेट लगाने कहा था। वो लगा हुआ है।
    धन्यवाद सहित,
    अनंता

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  4. शानदार रचना । मेरे ब्लॉग पर आप का स्वागत है ।

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  5. सुंदर गीत साझा किया है यशोदा जी आपने । यह मेरे बेटे का पसंदीदा गीत है ।

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