नमस्कार..
आज सुनिए सावन महीने का दूसरा गीत
आज सुनिए सावन महीने का दूसरा गीत
रिमझिम गिरे सावन
सुलग-सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में
लगी कैसी ये अगन
पहले सुनिए आवाज में...
अब इसी गीत को सुनिए साज में
सादर
तू छुपी है कहाँ मैं तड़पता यहां तेरे बिन फीका फीका है दिल का जहां तू छुपी है कहाँ मैं तड़पता यहां तू गयी उड़ गया रंग जाने कहाँ तेरे बिन फीका फ...
सुंदर सुंदर बहुत मधुर👌👌
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर गीत है यह । मंच पर साझा करने के लिए आभार यशोदा जी ।
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