गुरुवार, 13 जुलाई 2017

अब के सजन सावन में

सादर अभिवादन
सावन मनभावन
आज का गीत कुछ यूँ है...

अब के सजन सावन में
आग लगेगी बदन में
घटा बरसेगी, मगर तरसेगी नज़र
मिल न सकेंगे दो मन
एक ही आँगन में
अब के सजन सावन...




आज बहुत ढूँढी...
साज में इस गीत का लिंक नहीं मिला
मलाल रहेगा मुझे
सादर

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